शिमला — राज्य के शिक्षा विभाग में नियुक्ति के इंतजार में बैठे जेबीटी के बैच को राहत मिलने जा रही है। सरकार करीब 400
जेबीटी अध्यापकों को नियुक्तियां देने की तैयारी में है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग की तरफ से यह मामला
कैबिनेट को भेजा जा रहा है, जिसकी बैठक सात जुलाई को होनी है। हालांकि इस मामले में अभी वित्त विभाग की ओर से
अनुमति
नहीं मिली है, परंतु यह मंजूरी भी हो जाएगी। शिक्षा विभाग ही नहीं, बल्कि इस दफा आईपीएच विभाग के उन बेलदारों को भी
ड्राइवर के पद पर प्रोमोशन मिल जाएगी, जो कि लगे तो बेलदार के रूप में हैं, मगर विभाग के वाहन चला रहे हैं। लोक निर्माण
विभाग
में इस तरह की व्यवस्था पहले से की जा चुकी है। पहले दोनों विभाग एक ही थे, लिहाजा उनकी सेवा शर्तें भी समान थी। बाद में
विभागों में विभाजन होने के बाद सेवा शर्तों में बदलाव हुआ और कई श्रेणियों के सेवा नियमों को अलग-अलग रखा गया। लोक
निर्माण विभाग ने भी ऐसे बेलदारों को ड्राइवर के पदों पर पदोन्नत कर रखा है, जिसकी तर्ज पर अब आईपीएच विभाग भी ऐसा
करने जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि आईपीएच विभाग की तरह से यह प्रोपोजल तैयार करके वित्त विभाग को भेजा गया है, जो
जल्द
ही इस पर अपना निर्णय देगा। इसके साथ इसी कैबिनेट की बैठक में इस मामले को भेजा जाएगा। उधर, बताया जाता है कि
शिक्षा
विभाग में जेबीटी के करीब तीन बैच अभी नियुक्तियों के इंतजार में हैं। इन अध्यापकों ने टेट क्वालिफाई किया है। जेबीटी के नए
400
पद भरे जाने से प्रदेश के स्कूलों में कुछ राहत मिल पाएगी, क्योंकि कई स्कूलों में अध्यापकों के पद खाली पड़े हुए हैं। ग्रामीण
क्षेत्रों के स्कूलों में जेबीटी टीचर लगाने से वहां बच्चों को सुविधा मिल पाएगी। प्रदेश सरकार ने राज्य में धड़ल्ले से स्कूल
खोले हैं,
लेकिन उनमें स्टाफ की भारी कमी है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने विभागों में क्रियाशील पदों को भरने की बात कही है। पिछली
कैबिनेट बैठक में भी कई पदों को भरने की मंजूरी दी गई है और इस कैबिनेट बैठक में भी ऐसे ही मामले विचाराधीन लाए जा रहे
हैं।
सरकार ने 25 हजार नई नियुक्तियों का दावा किया है, जिसे पूरा करने के लिए विभागों से खाली पदों को भरने के प्रोपोजल मांगे
जा
रहे हैं।
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