Menu

Drop Down MenusCSS Drop Down MenuPure CSS Dropdown Menu

2 May 2017

हिंदी व्याकरण - हिंदी मुहावरे और लोकोक्तियां।

प्रिय पाठकों
HP Exams Adda में आपका स्वागत है।

हिंदी मुहावरे और लोकोक्तियां

मुट्ठी गरम करना – रिश्वत देना
जमीन पर पैर न रखना – अहंकार होना
काजल की कोठरी होना- कलंक लगने का स्थान


गूंगे का गुड़ होना- अनुभव को व्यव्क्त न कर पाना
बालू से तेल निकालना – असंभव को सम्भव कर दिखाना
उतर गई लोई क्या करेगा कोई – इज्जत जाने पर गम कैसा
रंग सियार- कपटी / धोखेबाज
मिटटी का माथो- मुर्ख/बुद्धू
सब धान बाईस पसेरी- एक सामान समझकर व्यवहार करना
पौ बारह होना- खूब लाभ होना
गूलर का पेट फूलना – औकात से ज्यादा बात करना
मिटटी पलित करना- दुर्दशा करना
सूत न कपास जुलाहे में लट्ठम लट्ठा- अकारण झगड़ा
नंगे बड़े परमेश्वर से – निर्लज से सब डरते हैं
उलटे बॉस बरेली को- विपरीत काम
चिकना घड़ा- निर्लज होना
हसुए के ब्याह में खुरपे का गीत- असंगत बातें करना
तबेली की बला बंदर के सिर- किसी का अपराध दुसरे के सिर
अरहर की टट्टी गुजरती ताला- अनमेल साधन जुटाना
अंगद का पैर होना- अतीव दृढ़ होना
अंगूठा चूमना- चापलूसी करना
कड़ी सा उबाल- मामूली जोश
औघर की झोली – कई करामती वस्तुओ का संग्रह
खून सफेद होना- दया मोह न रहना
खेत रहना – युद्ध में मारा जाना
गड़े मुर्दे उखाड़ना- पुरानी बातो पर प्रकाश डालना
आंख के अंधे का नाम नयन सुख- गुणों के विरुद्ध नाम होना
सब्जबाग दिखाना- प्रलोभन देना
ओस चाटने  से  प्यास  नहीं  बुझती – बड़े  काम  के  लिए  बड़ा  प्रयत्न  करना  पड़ता  है .
थोथा चना  बाजे  घना – जिसको  कम  ज्ञान  होता  है  वो  दिखावा  करने  के  लिए  अधिक  बोलता  है
मूर्ख के आगे रोए अपने नैन खोए. – मूर्ख के आगे रोए अपने नैन खोए.
दान की बछिया के दांत नहीं देखे जाते.- दान में  मिली  चीजों  में  कमी  नहीं  निकालनी  चाहिए .

No comments:

Post a Comment

Do leave your comment.